Modulation (मोड्यूलेशन क्या होता है?)

Modulation (मोड्यूलेशन क्या होता है?)

Modulation एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कैरिएर signal के एक या एक से अधिक पैरामीटर्स को बदल दिया जाता है। ये पैरामीटर्स है:- (Amplitude)आयाम, (Frequency)फ्रीक्वेंसी , (Phase )फेज

दुसरें शब्दों में , “Modulation एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कम (Frequency)फ्रीक्वेंसी के signals को उच्च (High Frequency) फ्रीक्वेंसी के signals में बदल दिया जाता है। अर्थात् मोड्यूलेट कर दिया जाता है।”
इन signals को मोड्यूलेट Signal इसलिए किया जाता है क्योंकि ये low फ्रीक्वेंसी signal होते है अर्थात् इनकी उर्जा कम होती है जो ज्यादा दुरी तक नहीं पहुँच पाते है। जिससे जो signal होता है वह बीच में ही नष्ट हो जाता है तथा Receiver तक नहीं पहुँच पाता है।

मोड्यूलेशन की क्रिया मोड्यूलेटर के द्वारा की जाती है।

Demodulation (डिमोड्यूलेशन):-मोड्यूलेटेड कैरिएर signal से वापस Original मैसेज प्राप्त करना डिमोड्यूलेशन कहलाता है। यह मोड्यूलेशन के विपरीत की क्रिया है।डिमोड्यूलेशन की क्रिया डिमोड्यूलेटर के द्वारा की जाती है।वह Device जो मोड्यूलेशन तथा डिमोड्यूलेशन दोनों कार्य करती है वह Modem कहलाती है।


(Types of Modulation)Modulation तीन प्रकार का होता है:-

  1. AM (Amplitude मोड्यूलेशन)
  2. FM (Frequency मोड्यूलेशन)
  3. PM (Phase मोड्यूलेशन)

1. AM (Amplitude मोड्यूलेशन):- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कैरिएर signal का Amplitude मैसेज signal के अनुरूप बदल जाता है परन्तु फेज तथा (Frequency)फ्रीक्वेंसी नियत रहती है वे नहीं बदलती।

2. FM (Frequency मोड्यूलेशन):- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कैरिएर signal की (Frequency)फ्रीक्वेंसी मोड्यूलेट होती है. तथा इसमें Amplitude तथा Phase सामान रहते है वे नहीं बदलते है।

3. PM (Phase मोड्यूलेशन):- यह एक ऐसा Modulation है जिसमें कैरिएर सिग्नल का फेज बदल जाता है तथा जब signal का फेज मोड्यूलेट होता है अर्थात् बदलता है तो इससे (Frequency)फ्रीक्वेंसी भी बदलती है। इस कारण से यह मोड्यूलेशन (Frequency)फ्रीक्वेंसी मोड्यूलेशन के अन्दर ही आता है।

(Need for Modulation):- मॉडुलन की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?

  1. एंटीना (Antenna) की ऊंचाई कम करने के लिए:- जब हम ट्रांसमिट (Transmite) करते हैं तो हमें (Antenna) को बहुत ज्यादा ऊंचाई से कम करना होता है।
  2. मल्टीप्लेक्सिंग के लिए:- मल्टीप्लेक्सिंग एक समय में एक चैनल के माध्यम से कई संकेतों को प्रसारित करने की प्रक्रिया है। ( Modulation)  के बिना हम मल्टीप्लेक्स नहीं कर सकते।
  3. अगर मैसेज सिग्नल में शोर (Noise) बहुत अधिक है तो उस शोर (Noise) को कम करने के लिए मॉडुलन  (Modulation)की आवश्यकता होती है।
  4. सिग्नल (signal ) की शक्ति को बढ़ाने के लिए।
  5. बहुत दूरी के ट्रांसमिशन (Transmission)को करने के लिए।
  6. सिग्नल (signal ) की बैंडविड्थ (Bandwidth)को बढाने के लिए।




Spread the love

Leave a Comment