Programming Paradigm (प्रोग्रामिंग पैराडाइम)

Programming Paradigm(प्रोग्रामिंग पैराडाइम)

Programming Paradigm(प्रोग्रामिंग पैराडाइम)को हिंदी में “प्रोग्रामिंग पद्धति” भी कहा जाता है। यह एक तरीका होता है जिसका प्रयोग प्रोग्रामिंग कोड लिखने, संरचित करने और समझने के लिए किया जाता है। प्रोग्रामिंग पैराडाइम कई विभिन्न सिद्धांतों, मॉडलों और ढंगों को संयोजित करता है जो कोड की संरचना, व्यवहार और सुविधाओं को परिभाषित करते हैं।

कुछ प्रमुख प्रोग्रामिंग पैराडाइम हैं:
  1. संरचनात्मक पैराडाइम (Structural Paradigm): इसमें प्रोग्राम कोड को मॉड्यूल, फ़ंक्शन, या क्लास में व्यवस्थित किया जाता है। उदाहरण के रूप में, C या Java जैसी भाषाएं इस पैराडाइम का प्रयोग करती हैं।
  2. आदर्श पैराडाइम (Object-Oriented Paradigm): इसमें प्रोग्राम कोड को अभिकल्पित क्लासों, अभिकल्पित ऑब्जेक्ट्स और उनके इंटरैक्शन के माध्यम से संरचित किया जाता है। यह विधि डेटा और उसके साथ संबंधित आपूर्ति-मांग एकता के सिद्धांत पर आधारित है। Java, C++, और Python इस पैराडाइम के उदाहरण हैं।
  3. घटना-संवेदनशील पैराडाइम (Event-Driven Paradigm): इसमें कोड के निर्देश इवेंट्स (घटनाएं) के आधार पर होते हैं। जब कोई घटना घटित होती है, तब एक निर्दिष्ट कोड ब्लॉक चलाया जाता है। वेब डेवलपमेंट में JavaScript इस पैराडाइम का प्रयोग करता है।
  4. फ़ंक्शनल पैराडाइम (Functional Paradigm): इसमें कोड को फ़ंक्शन के रूप में व्यवस्थित किया जाता है और मुख्य ध्यान विनिमय फ़ंक्शनों पर दिया जाता है। यह पैराडाइम पुरानी और नई भाषाओं में उपयोग होती है, जैसे कि Haskell और Clojure।
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